दिनांक २९ अक्टूबर २०१७ को सीतामढ़ी के बाजपटटी में अमर शहीद रामफल मंडल जी की प्रतिमा पर सेंकडो की संख्या में उपस्थित होकर धानुक बंधुओ ने माल्यार्पण किया और उनका आशीर्वाद लिया तथा संकल्प किया की अब उनकी उपेक्षा को बर्दाश्त नहीं किया जायेगा और सरकार को उन्हें शहीद का दर्जा देना ही पड़ेगा। इसमें खासकर सोशल मीडिया के जितने भी भाई बंधू अमर शहीद रामफल मंडल जी के नाम का प्रचार प्रसार कर रहे है उनका योगदान सराहनीय रहा और पूरा धानुक समाज उन सभी सोशल मीडिया के मित्रो को आभार व्यक्त करता है जिससे यह कार्यक्रम सफल हो सका। जिसमे पुरे देश के अलग अलग क्षेत्रो में अपने अपने काम के सिलसिले में बाहर रहने वाले धानुक भाइयो ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया उन सभी को साधुवाद और आगे भी इस तरह के कार्यक्रमों से समाज में सांस्कृतिक तौर पर एकता की मिसाल कायम करने में मदद मिलेगी। उन सबसे अलग स्थानीय तौर पर जितने भी धानुक समाज के लोग है जो किसी ना किसी तौर पर अमर शहीद रामफल मंडल जो को गुमनामी के दौर से निकालकर समाज के सामने लाये है उनका भी योगदान सराहनीय रहा और इसके लिए उन सभी भाइयो का धन्यवाद।
इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने वाले लोगो में प्रमुखता से अ.भा.धा.उ.म. के मधुबनी जिला के उपाध्यक्ष से श्री उमानाथ मंडल और युवा विद्यासागर मंडल और मधुबनी जिला से आये सभी धानुक बंधू, दरभंगा से सुशील मंडल और मधवापुर प्रखंड अध्यक्ष श्री परशुराम मंडल जी उनके साथी, दिल्ली से आये बिश्वेसर मंडल, किसन मंडल, देव मंडल, श्याम सुन्दर मंडल उनके साथी आदि, सूरत से आये रवि मंडल, कमलेश मंडल, राजू मंडल, अनिल मंडल, कामेश्वर मंडल, गुड्डू मंडल और उनके साथी आदि तथा सीतामढ़ी से आये गणेश मंडल, नागेन्द्र मंडल, जगदीश मंडल, दीपू मंडल, अशोक मंडल, श्रवण मंडल, गोविन्द मंडल और उनके साथी आदि लोगो ने इस माल्यार्पण कार्यक्रम हिस्सा लिया।
सभी साथियो से अनुरोध है की धानुक संपर्क में लगे रहिये और लोगो के बताते रहिये की हमारा भी स्वर्णिम इतिहास है। हमारे बाजुओ में ताकत थी और रहेगी हमारी लेखनी में ताकत थी और रहेगी। इसीलिए इस बात को जितना फैला सकते है फैलाये यही आप सभी से निवेदन है|
अंत में कार्यक्रम समाप्ति की घोषणा इस संकल्प के साथ ली गयी की सरकार के साथ संघर्ष जारी रहेगा तबतक जबतक उनको शहीद का दर्जा नहीं दे दिया जाता है और उनके नाम पर डाक टिकट जारी नहीं कर दिया जाता है।
बाद में अमर शहीद रामफल मंडल जी के गाँव जाकर उनके परिवार के कुछ सदस्य जैसे राम विनोद मंडल, अमीरी मंडल तथा सुखारी मंडल आदि से मिलकर तात्कालिक स्थिति के बारे में जानकारी ली गयी। गाँव वालों से बात करने के बाद पता चला की गाँव के लोगो की मांग जो वर्षो से चली आ रही है की गाँव में उनके नाम पर एक स्मृति भवन की मांग को सरकार से मांग पूरी नहीं हुई है।
अलग अलग जगहों पर धानुक संपर्क के द्वारा लोगो में जागरूकता फैलाने का प्रयास किया जा रहा है उन सभी की तारीफ़ की जानी चाहिए प्रमुखता से अगर नाम लिया जाए तो दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, मधुबनी, दरभंगा, कटिहार, सहरसा, सुपौल, पूर्णियां, मधेपुरा, पटना, खगड़िया, लखीसराय, भागलपुर, मुंगेर, छपरा, सिवान, सीतामढ़ी, सूरत श्रीगंगानगर, मुंबई, पुणे, बैंगलोर आदि|
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